पैनलिस्ट ने अभ्यर्थी मयंक दूबे से उनके नाम का मतलब पूछा और फिर ये पूछा की चंद्रमा को आखिर मामा क्यों कहते हैं, फूफा या कुछ और क्यों नहीं कहते हैं.
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC Civil Service Exam) द्वारा हर वर्ष सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन कराया जाता है. इसके लिए प्रीलिम्स (UPSC Prelims Exam), मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam) और इसके बाद इंटरव्यू (UPSC Interview Videos) का आयोजन किया जाता है. जो भी अभ्यर्थी इन तीनों राउंड में पास होता है वही सिविल सेवा में अपना योगदान दे पाता है. मेन्स परीक्षा के बाद अभ्यर्थी आमतौर पर इंटरव्यू की तैयारी में जुट जाते हैं.
इसके लिए कई कोचिंग संस्थानों द्वारा मॉक टेस्ट का आयोजन कराया जाता है. दरअसल कई बार इंटरव्यू ले रहा पैनल अभ्यर्थियों से अजीबों-गरीब या इंटेलीजेंस आधारित प्रश्न भी पूछते हैं. कुछ ऐसा ही प्रश्न यूपीएससी के एक मॉक इंटरव्यू (UPSC Mock Interview) में पैनलिस्ट द्वारा पूछा गया. पैनलिस्ट ने अभ्यर्थी मयंक दूबे से उनके नाम का मतलब पूछा और फिर ये पूछा की चंद्रमा को आखिर मामा क्यों कहते हैं, फूफा या कुछ और क्यों नहीं कहते हैं.
पैनलिस्ट- चंद्रमा को मामा क्यों माना गया है? चाचा, फूफा, पापा क्यों नहीं माना गया है?
मयंक दुबे- चंद्रमा पृथ्वी का ही भाग है. वे जुड़वा हैं. ऐसे में धरती को मां कहते हैं शायद इसलिए चंद्रमा को मामा कहते हैं. साथ ही सूर्य की तरह चंद्रमा का स्वभाव उग्र नहीं होता. चंद्रमा सौम्य होता है. उसे देखकर अच्छा और शीतलता मिलती है. शायद इसलिए भी चंद्रमा को मामा कहते हैं.